ताली बजाओ रोग भगाओ!
ताली बजाने से सेहत को होते हैं चौंकाने वाले फायदे....
सुबह-सुबह जोगिंग करते वक्त अक्सर पार्कों में लोगों को क्लैपिंग थेरैपी करते हुए देखा जा सकता है। बिना बात के ताली बजाने का उनका मकसद सेहत से जुड़े कई फायदे होते हैं। दरअसल, क्लैपिंग थेरैपी भी एक प्रकार का सरल और सहज योग है, जो आपको हमेशा तरोताजा रखता है। इस थेरैपी को करके कोई भी व्यक्ति भविष्य की तकलीफों से छुटकारा पा सकता है। क्लैपिंग थेरैपी से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल सही रहता है, साथ ही इससे रक्त संचार भी बढ़ता है। ताली बजाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इससे रक्तसंचार भी बेहतर होता है। नसों और धमनियों में से सभी अवरोधों को दूर करता है, जिसमें बैड कोलेस्ट्रॉल भी शामिल हैं। यह लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए काम की थेरेपी है। ताली बजाने से हृदय रोग, डायबिटीज, अस्थमा और गठिया से राहत मिलती है। तेज ताली बजाने से आंख, कान, दिमाग, रीढ़ की हड्डी, कंधे आदि बिंदुओं पर प्रभाव पड़ता है, जिससे तनाव, अनिद्रा, आंखों की कमजोरी, पुराना सिर दर्द, जुखाम, बालों का झड़ना जैसी समस्याओं से आराम मिलता है। ताली बजाने से हाथों की मांसपेशियां प्रभावित होती है, जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार ठीक ढंग से होता है।, विज्ञान के मुताबिक मानव शरीर के हाथों में 29 दबाव केन्द्र यानी एक्युप्रेशर पॉइन्ट्स होते हैं।
डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना है कि एक्यूप्रेशर के प्राचीन विज्ञान के मुताबिक शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केन्द्र पैरों और हथेलियों के तलवों पर हैं। अगर इन दबाव केन्द्रों की मालिश की जाए तो यह कई बीमारियों से राहत दे सकते हैं जो अंगों को प्रभावित करते हैं। इन दबाव केन्द्रों को दबाकर, रक्त और ऑक्सीजन के संचार को अंगों में बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सकता है। डॉ. आयुष पांडे का कहना है कि एक्यूप्रेशर शरीर की स्वयं को ठीक करने और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की तकनीक है।
एक्यूप्रेशर के मुताबिक ताली बजाना सभी प्रेशर पॉइन्ट्स को दबाने का सबसे आसान तरीका है। क्लैपिंग थैरेपी के लिए रोजाना सुबह या रात को सोने से पहले हथेलियों पर नारियल का तेल, सरसों का तेल या दोनों तेलों का मिश्रण लगाकर अच्छे से रगड़े। इसके बाद हथेलियों और अंगुलियो को एक-दूसरे से हल्का सा दबाव दे और कुछ देर तक ताली बजाएं। ताली बजाने से सेहत को ये फायदे मिलेंगे। इसे 20 से 30 मिनट तक करने से स्वस्थ और सक्रिय रहेंगे।,
इतना ही नहीं नियमित ताली बजाने की आदत से खून मे सफ़ेद कणों को ताकत मिलती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पेट की समस्या, जैसे- गैस, अपच, कब्ज और मनोरोग, जैसे- चिड़चिड़ापन, तनाव, ध्यान में कमी आदि होने पर क्लैपिंग थेरैपी सुबह शाम करने से काफी लाभ होता है।
बच्चों में बचपन से ही ताली बजाने की आदत उनका कौशल बनाती है। इससे बच्चों में लेखन संबंधी सभी समस्याओं का समाधान शुरुआत में हो जाता है। इतना ही नहीं, बच्चों का दिमाग भी तेज होता है और उनकी पढ़ाई में भी बहुत सुधार आता है। भोजन के बाद कुछ देर तक ताली बजाने से पसीना आता है, जो शरीर में रक्त के प्रवाह को दुरुस्त करता है और खून को भी शुद्ध करता है। इससे भोजन भी आसानी से पच जाता है।
मुझे उम्मीद है कि आज के इस पोस्ट में हमने जो भी जानकारी दी है, वह आपको पसंद आई होगी और आपको समझ में आ गई होगी। इसलिए सीखते रहें और अगली पोस्ट का इंतजार करें जिसमें आपको कुछ नया सीखने में मदद मिलेगी।
पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया।, अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।
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