नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की इम्यून सिस्टम को कैसे दुरुस्त करें और हमे क्या विशेष ध्यान देने की जरूरत है। चलिए, शुरू करते हैं...
अपने आसपास आप अकसर देखते होंगे कि सेहत और कद-काठी के मामले में एक जैसे दिखने वाले कई लोगों में से कुछ लोग बार-बार बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जबकि कुछ पर मौसम की मार या संक्रमण वगैरह का भी ज्यादा असर नहीं होता।
आखिर वजह क्या है?
असल में हर जीवित शरीर में प्रकृति ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है। इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है।
जिसकी इम्यूनिटी मजबूत है, उसके शरीर में रोगाणु पहुंचकर भी नुकसान नहीं कर पाते, पर जिसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई हो, वह जरा-से मौसमी बदलाव में भी रोगाणुओं के आक्रमण को झेल नहीं पाता। जब बाहरी रोगाणुओं की तुलना में शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, तो इसका असर सर्दी, जुकाम, फ्लू, खांसी, बुखार वगैरह के रूप में हम सबसे पहले देखते हैं। जो लोग बार-बार ऐसी तकलीफों से गुजरते हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनकी इम्यूनिटी ठीक से उनका साथ नहीं दे रही है और उसे मजबूत किए जाने की जरूरत है। सर्दियों का मौसम एक तरह से रोगप्रतिरोधक शक्ति के परीक्षण का मौसम है, लेकिन अच्छी बात यह है कि रोगप्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाने के लिए भी यही सबसे अच्छा मौसम है।
सेहत के लिए फायदेमंद है इंडोर गेम्स,
जानें क्यों
क्यों होती है इम्यूनिटी कमजोर
- शरीर में चर्बी का अनावश्यक रूप से जमा होना।
- वजन बहुत कम होना।
- फास्टफूड, जंकफूड आदि का ज्यादा सेवन।
- शरीर को ठीक से पोषण न मिलना।
- धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का सेवन।
- पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक आदि दवाओं का लंबे समय तक। सेवन।
- लंबे समय तक तनाव में रहना।
- लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर। तक सोना।
- शारीरिक श्रम का अभाव।
- प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना।
- बचपन और बुढ़ापे में रोगप्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर। कुछ कमजोर होती है, पर खराब जीवनशैली के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है।
- गर्भवती स्त्री का खान-पान ठीक न हो या वह कुपोषण का। शिकार हो तो होने वाले बच्चे की भी रोगप्रतिरोधक क्षमता। कमजोर होने की संभावना बनी रहती है।
- अगर आप चीनी ज्यादा खाते हैं तो यह इम्यूनिटी के लिए। नुकसानदेह है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन। में। छपे एक शोध के अनुसार सौ ग्राम या इससे अधिक शुगर खा लेने की स्थिति में श्वेत रुधिर कणिकाओं की रोगाणुओं को मारने की क्षमता पांच घंटे तक के लिए कमजोर पड़। जाती है।
- कम पानी पीने से इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है, क्योंकि पर्याप्त पानी के अभाव में शरीर से विजातीय द्रव्यों को बाहर निकाल पाना कठिन हो जाता है।
बदलते मौसम में इस घरेलू उपाय से मिलेगा आराम
ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी
- आहार में एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। बीटा केरोटिन, सेलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-बी2 व बी6, विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-डी तथा जिंक। रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा। जरूरी हैं। इन तत्त्वों की भरपाई के लिए गाजर, पालक, चुकंदर, टमाटर, फूलगोभी, खुबानी, जौ, भूरे चावल, शकरकंद, संतरा, पपीता, बादाम, दूध, दही, मशरूम, लौकी। के बीज, तिल आदि उपयोगी हैं। हरी सब्जियों-फलों को। विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
- सर्दी के मौसम में प्यास कम लगती है, पर याद करके दिन में। 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- भरपूर नींद लें।
- तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें।
- अगर आप प्राय: बीमारियों की चपेट में रहते हैं तो इसका। अर्थ। यह भी है कि आपके शरीर में एंटीबॉडीज कम बन रहे। हैं। इसके लिए प्रोटीन को समुचित मात्रा में सेवन किया जाना। चाहिए।
- सर्दियों में सूर्य की रोशनी में सवेरे तेल मालिश करने से भी। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन-डी। रोगप्रतिरोधकता। के लिए महत्त्वपूर्ण कारक है।
- लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल है। जाड़े के दिनों। में। दिन में एक-दो लहसुन सेवन करना चाहिए।
- दिन में तीन-चार बार ग्रीन-टी पीने से रोगप्रतिरोधक क्षमता में। इजाफा होता है।
- सर्दी के मौसम के सभी खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम। करते हैं।
- सर्दियों में सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है।
- सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे। सामान्य न समझें और इलाज कराएं।
बेहतर है होम्योपैथी
सर्दी के मौसम में होने वाले सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए अंग्रेजी दवाएं खाने से बचना चाहिए, पर होम्योपैथी दवाएं सही लक्षणों के आधार पर दी जाएं तो सर्दी-जुकाम से छुटकारा तो मिलता ही है, साथ ही शरीर का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
योगासन-प्राणायाम
व्यायाम की तमाम पद्धतियों में शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की दृष्टि से योगासन और प्राणायाम सबसे अच्छे उपाय हैं। सवेरे के समय नियमित रूप से आधे से एक घंटे तक योगासन-प्राणायाम करने से शरीर के भीतर हार्मोन संतुलन कायम करने में मदद मिलती है। योगासन, खासतौर से प्राणायाम तनाव दूर करने में काफी मददगार हैं। किसी योग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर अपने अनुकूल योगासनों का चयन करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार जिन्हें समय कम मिल पाता हो, वे 15 मिनट तक रोज सूक्ष्म यौगिक क्रियाएं करें।
हमारे विशेषज्ञ
- योगाचार्य अखिलेश तिवारी, तेलियरगंज, इलाहाबाद
- डॉ. ए. के. अरुण, होम्योपैथ, पश्चिम विहार, नई दिल्ली
- डॉ. संजय शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ, जनकपुरी, दिल्ली
इनका ध्यान रखें
आंवला, नीबू, अदरक, कच्ची हल्दी और तुलसी को अपनी थाली में जरूर शामिल करें और इन्हें कम-से-कम 21 दिनों तक इस्तेमाल करें। यों पूरे मौसम भर इनका सेवन कर सकते हैं। 21 दिन के पीछे एक रहस्य है। वैद्य सदियों से ऐसा बताते रहे हैं, पर विज्ञान के नए शोधों ने भी प्रमाणित किया है कि कोई भी चीज तीन हफ्ते तक नियमित रूप से करने पर शरीर उसके प्रति अनुकूलता बैठाने लगता है। ये पांचों उपाय एक साथ भी कर सकते हैं, परंतु ऐसा करें तो कच्ची हल्दी को सवेरे के बजाय भोजन के साथ या दिन में अन्य किसी समय लें।
तो फिर इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए? आइए, थोड़ा विस्तार से जानते हैं। यहां जो उपाय बताए जा रहे हैं अगर हम उन पर लॉकडाउन के इन दिनों में नियमित रूप से निष्ठापूर्वक अमल करें तो निश्चित ही ज्यादा लाभ के हकदार बनेंगे। इससे एक अच्छी जीवनशैली भी बनेगी, जिसे अपनाए रखने से आप हमेशा स्वस्थ रह पाएंगे।
जानें क्या कहते है रांची के मोटिवेशनल स्पीकर एवं वेलनेस कंसल्टेंट मिलन सिन्हा।
1- रोज दिन की अच्छी शुरुआत हो। पॉजिटिव सोच के साथ दिन की शुरुआत करें। सुबह आंख खुलने के बाद बिछावन पर बैठे-बैठे ही प्रकाश और ऊर्जा के देवता सूर्य को नमन करें और यह महसूस करने की कोशिश करें कि आप अंदर से प्रकाशित और ऊर्जायुक्त हो रहे हैं। तत्पश्चात अपने माता-पिता-गुरु-इष्टदेव का स्मरण कर उन्हें नमन करें। आप अच्छा महसूस करेंगे और आपका शरीर तदनुसार प्रतिक्रिया करेगा।
2- आराम से बैठकर धीरे-धीरे आधा लीटर गुनगुना पानी पिएं। गुनगुने पानी में आधा नींबू का रस, एक चम्मच शहद और थोड़ा अदरक का रस डालकर पिएं तो और ज्यादा लाभ मिलेगा। सुबह शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट करने से शरीर से विषैली और अवांछित चीजों को निकालने में मदद मिलती है और इससे इम्यून सिस्टम अच्छा बना रहता है। अपनी जरूरत के हिसाब से समय-समय पर दिनभर पानी का सेवन करें। जहां तक संभव हो ठंडा पानी या अन्य कृत्रिम पेय से बचें।
3- सुबह उठने के बाद कोशिश करें कि आधे घंटे के अंदर आप शौच आदि से निवृत हो जाएं। जितना शीघ्र आपके अंदर से वेस्ट क्लियर होगा, आपके इम्यून सिस्टम के लिए उतना अच्छा है।
4- अब तुलसी के चार-पांच पत्तों के साथ एकदो दाना काली मिर्च और लौंग को पान की तरह खूब चबाकर और आनंद लेकर खाएं। नीम या गिलोय के पत्तों या रस या बाजार में उपलब्ध वटी यानी टैबलेट का सेवन भी कर सकते हैं। आइडिया केवल यह है कि आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने की मजबूत शुरुआत रोज सुबह-सुबह ही हो जाए।
5- योगाभ्यास, व्यायाम, घर की छत पर वॉकिंग आदि में से आप जो कर सकते हैं, अगला 20-30 मिनट उसे करने में लगाएं। निश्चित रूप से नियमित योगाभ्यास सबसे अच्छा विकल्प है इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने और रखने में। योगाभ्यास में पहले आसन, फिर प्राणायाम और अंत में ध्यान करें। आसन में सूर्य नमस्कार के पांच राउंड से शुरू कर सकते हैं या फिर पवनमुक्तासन श्रेणी के तीन-चार आसन- ताड़ासन, कटि-चक्रासन, भुजंगासन और शशकासन अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से करें। इसे और आसान भाषा में समझाएं तो सिर से लेकर पांव की अंगुलियों तक शरीर के हर जोड़ को आराम से चला लें। इससे आपका शरीर लचीला हो जाएगा।
प्राणायाम यानी ब्रीदिंग एक्सरसाइज में कम-से-कम अनुलोमविलोम, कपालभाति और भ्रामरी कर ही लें। इसके बाद कम-से-कम पांच मिनट ध्यान करें। योगाभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, रक्त प्रवाह में गुणात्मक सुधार होता है और शरीर के सारे सेल्स एक्टिव हो जाते हैं। नतीजतन इम्यून सिस्टम बहुत स्ट्रॉन्ग बनता है। तेज गति से टहलने और शरीर के सारे अंगों को सक्रिय करने के लिए किए जाने वाले आसान व्यायाम से भी अच्छा लाभ मिलता है।
6- दिनभर के हमारे खान-पान का हमारे शरीर के रखरखाव में बहुत बड़ा योगदान है और नतीजतन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाए रखने में भी। खान-पान में स्वास्थ्य को ध्यान में रखना बहुत अनिवार्य है, स्वाद भी अच्छा हो तो उत्तम। अपने खान-पान में शरीर की मूलभूत आवश्यकताओं -प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मिनरल्स और विटामिन की अपेक्षित मात्रा मिल जाए, इसके प्रति सचेत रहें। जब भी खाना खाएं, केवल खाने पर फोकस करें और आराम से खूब चबाकर तथा स्वाद लेकर खाएं। आपका खान-पान जितना संतुलित होगा उतना लाभ मिलेगा।
7- अपने भोजन में अन्न, मौसमी सब्जी एवं फल के अलावा नियमित रूप से नींबू, अदरक, लहसुन, प्याज, आंवला, लौंग, इलायची, दालचीनी, काली मिर्च, हल्दी, जीरा, सौंफ, अजवाइन, मूली, खीरा, गाजर, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, पपीता, केला, नारियल, ड्राई फ्रूट्स आदि को शामिल करें। हां, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में विटामिन-सी की अहम भूमिका मानी गई है, अत: नींबू, आंवला, संतरा, मौसंबी, आम, अंगूर जैसे फल अच्छा लाभ देते हैं। एक बात और, सुबह उठने के दो घंटे के अंदर नाश्ता जरूर कर लें।
8- रोगाणुओं के आक्रमण या उनके संक्रमण से बचाव के लिए शरीर की अंदरूनी सफाई जितनी जरूरी है उतनी ही बाहरी और आस-पास की सफाई। रोज स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। बाहर से घर आने पर जूते-चप्पल निकालकर बाहर रखें और फिर हाथ-पांव- चेहरा साबुन-पानी से बढ़िया से धोएं। इससे इम्यून सिस्टम हेल्दी रखना आसान होगा।
9- इम्यून सिस्टम पर हंसी का बहुत सकारात्मक असर होता है। इससे शरीर में रक्त संचार में सुधार के साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ती है। ऐसे भी हंसी को बेस्ट मेडिसिन के रूप में डॉक्टर-वैज्ञानिक सबने स्वीकार किया है।
10- रात में 7-8 घंटे की अच्छी नींद का बहुत ही अच्छा असर दिनभर के क्रियाकलाप पर दिखाई पड़ता है। नींद के दौरान हमारे शरीर को रिलैक्स करने और अंदरूनी रिपेयरिंग का मौका मिलता है। यही कारण है कि अच्छी नींद से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। अंत में, उन बातों का जिक्र करना जरूरी है जिनके कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। संक्षेप में कहें तो धूमपान, या किसी भी प्रकार का नशा तथा जंक फूड, फ्रोजेन, पैकेज्ड तथा प्रीजर्व्ड फूड का नियमित सेवन, अस्वच्छ या गंदा रहन-सहन, नकारात्मक सोच और अनावश्यक स्ट्रेस आदि इसके बड़े कारण हैं। अनियमित खान-पान एवं गलत दिनचर्या भी इसमें अपनी अहम भूमिका निभाती है।
मुझे उम्मीद है कि आज के इस पोस्ट में हमने जो भी जानकारी दी है, वह आपको पसंद आई होगी और आपको समझ में आ गई होगी। इसलिए सीखते रहें और अगली पोस्ट का इंतजार करें जिससे आपको कुछ नया सीखने में मदद मिलेगी।
पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया।, अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।
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